केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को घोषणा की कि नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति जल्द ही प्रस्तुत की जाएगी और यह 2025 से 2045 तक प्रभावी रहेगी। उन्होंने बताया कि इस नीति का उद्देश्य सहकारी संस्थाओं को सशक्त बनाना और उन्हें देश के विकास में अधिक प्रभावी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह नीति सहकारी क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बनाई जा रही है, जिससे सहकारी संस्थाओं को नई ऊंचाइयों पर पहुंचने का अवसर मिलेगा।
अमित शाह ने कहा कि इस नीति में सहकारी संस्थाओं के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और वित्तीय प्रबंधन को सुदृढ़ बनाना शामिल होगा। इसके साथ ही, यह नीति सहकारी संस्थाओं को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से विकास के अवसर प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देश देगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि सहकारिता क्षेत्र में सुधार और विकास के लिए यह नीति एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
इस नीति के अंतर्गत सहकारी संस्थाओं के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे, जिससे उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार सहकारी संस्थाओं के माध्यम से रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस नई नीति के माध्यम से, सरकार सहकारी आंदोलन को एक नई दिशा देने का प्रयास करेगी, जिससे समाज के सभी वर्गों को लाभ हो सके।
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