एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज के आईपीओ से निवेश बैंकरों को मात्र ₹104 करोड़ की कमाई हुई है, जो कुल प्राप्तियों का केवल 0.83% है। यह फीस अतीत में हुए अन्य प्रमुख आईपीओ जैसे हुंडई, पेटीएम और हेक्सावेयर से कम है। इस कम फीस का कारण आईपीओ का आकार और बाज़ार की मौजूदा स्थिति हो सकता है, जिससे निवेश बैंकरों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाया।
आईपीओ से संबंधित आंकड़ों के अनुसार, एचडीबी फाइनेंशियल का यह सार्वजनिक निर्गम अपने आप में महत्वपूर्ण था, लेकिन निवेश बैंकरों के लिए उम्मीद से कम लाभकारी साबित हुआ। आमतौर पर, निवेश बैंकरों को आईपीओ से अधिक फीस मिलती है, जो 1% से 2% तक होती है। हालांकि, इस बार यह फीस उल्लेखनीय रूप से कम रही, जिससे बैंकरों के लिए यह एक चिंताजनक स्थिति बन गई है।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की कम फीस का असर भविष्य के आईपीओ पर भी पड़ सकता है। निवेश बैंकरों को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है ताकि वे भविष्य में बेहतर फीस संरचना सुनिश्चित कर सकें। एचडीबी फाइनेंशियल के इस आईपीओ के परिणाम अन्य कंपनियों के लिए भी एक सबक के रूप में देखे जा सकते हैं, जो अपने आईपीओ की योजना बना रही हैं।
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