जयराम रमेश ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की आलोचना करते हुए कहा कि यह कई मामलों में गलत तरीके से तैयार किया गया है। उन्होंने विशेष रूप से पीएम2.5 प्रदूषण की ओर इशारा किया, जो हजारों मौतों का कारण बनता है। रमेश का मानना है कि इस कार्यक्रम में कई खामियां हैं जो इसके उद्देश्यों की पूर्ति में बाधा उत्पन्न करती हैं।
रमेश ने कहा कि वायु प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है, क्योंकि यह स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नीति निर्माताओं को इस दिशा में अधिक प्रभावी और ठोस कदम उठाने की जरूरत है। रमेश ने चेतावनी दी कि अगर इस मुद्दे पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो इसके घातक परिणाम हो सकते हैं।
इसके अलावा, रमेश ने सुझाव दिया कि प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए स्थानीय स्तर पर भी उपाय किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छ वायु के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय आवश्यक है। रमेश ने इस बात पर भी जोर दिया कि जन जागरूकता बढ़ाना और सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करना इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं।
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