शीर्षक: "इस वर्ष मानसून ने समय से पहले राष्ट्रीय कवरेज कैसे की?"
इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 29 जून को पूरे देश को कवर कर लिया, जो कि सामान्यतः 8 जुलाई तक होता है। 1960 के बाद से यह केवल तीसरी बार है जब मानसून ने इतनी जल्दी पूरे देश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इस अप्रत्याशित बदलाव के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्यतः जलवायु परिवर्तन और समुद्री तापमान में उतार-चढ़ाव शामिल हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष मानसून की तेज गति का कारण हिंद महासागर में बढ़ते तापमान और वैश्विक जलवायु परिवर्तन हो सकता है। इन कारकों ने मानसून की हवाओं को अधिक ऊर्जा प्रदान की, जिससे वे तेजी से आगे बढ़ीं। इसके अलावा, मानसून की शुरुआत से पहले की गई तैयारी और मौसम विज्ञानियों द्वारा की गई सटीक भविष्यवाणी ने भी इस प्रक्रिया को सुगम बनाया।
हालांकि, समय से पहले मानसून का आगमन किसानों और जल संसाधनों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है, लेकिन इससे जुड़ी अचानक भारी बारिश बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का कारण भी बन सकती है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस स्थिति से निपटने के लिए सक्रिय रहना होगा ताकि संभावित नुकसान को कम किया जा सके। अभी यह देखना बाकी है कि आने वाले महीनों में मानसून का प्रभाव किस प्रकार का रहेगा।
Authored by Next24 Hindi