पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात राष्ट्रीय औसत से अधिक हो गया है। राष्ट्रीय शिक्षा परियोजना (एनईपी) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की संख्या में वृद्धि के बावजूद, छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार हुआ है। यह उपलब्धि शिक्षा विभाग की योजनाओं और नीतियों का परिणाम मानी जा रही है, जिनके तहत शिक्षकों की भर्ती और प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि बिहार में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इनमें शिक्षकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना, शिक्षण सामग्री की उपलब्धता में सुधार करना और विद्यालयों के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना शामिल है। इन उपायों के कारण, राज्य के स्कूलों में छात्रों की संख्या में भी इज़ाफा हुआ है, जिससे शिक्षक-छात्र अनुपात में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इस सुधार के बावजूद अभी भी कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं। ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों की कमी और शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। शिक्षा विभाग का कहना है कि वे इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं और आने वाले समय में और अधिक सुधार की उम्मीद है। इस दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता से राज्य में शिक्षा का स्तर और ऊँचा उठ सकता है।
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