संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जनसंख्या 146.39 करोड़ तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा देश की जनसंख्या वृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की कुल प्रजनन दर (टीएफआर) अब 1.9 पर आ गई है, जो प्रतिस्थापन स्तर से नीचे है। यह दर्शाता है कि आने वाले वर्षों में जनसंख्या वृद्धि की दर में कमी आ सकती है।
रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि भारत की जनसंख्या 170 करोड़ के करीब पहुंचने के बाद घटने की संभावना है। यह अनुमान जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन के प्रयासों के प्रभाव को दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रजनन दर में गिरावट का एक प्रमुख कारण बढ़ती जागरूकता और शिक्षा का स्तर है, जिसने लोगों को छोटे परिवारों को अपनाने के लिए प्रेरित किया है।
भारत के लिए यह जनसंख्या परिवर्तन आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। जनसंख्या में गिरावट से संसाधनों पर दबाव कम होगा और जीवन स्तर में सुधार की संभावनाएं बढ़ेंगी। हालांकि, यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जनसंख्या और संसाधनों के बीच संतुलन बना रहे, ताकि देश की विकास यात्रा सुचारू रूप से जारी रह सके।
Authored by Next24 Hindi