लॉस एंजेलिस में विरोध प्रदर्शन तब और तेज हो गए जब रविवार, 8 जून को कानून प्रवर्तन ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और रबर की गोलियां चलाईं। इस घटना के बाद से शहर में तनाव का माहौल है और लोग सड़कों पर उतरकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी आवाज़ को दबाने के लिए इस तरह की कार्रवाई अनुचित है और इससे उनकी मांगें और भी मजबूत हो गई हैं।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नेशनल गार्ड की तैनाती के फैसले ने इन प्रदर्शनकारियों के गुस्से को और भड़का दिया है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह कदम शहर में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है। लेकिन स्थानीय नागरिक और विभिन्न संगठनों का मानना है कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है और इससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
लॉस एंजेलिस की सड़कों पर हो रहे इन विरोध प्रदर्शनों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा है। मानवाधिकार संगठनों और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सरकार को इस मुद्दे पर संवेदनशीलता से विचार करना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि संवाद और शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से ही इस तनावपूर्ण स्थिति का समाधान निकाला जा सकता है।
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